30 से 40 लीटर दूध देती है ये भैंस की नस्ल, शुरू कीजिये इस नस्ल का पालन, जाने इस नस्ल के बारे में।
मुर्रा भैंस (Murrah Buffalo) एक प्रसिद्ध भारतीय भैंस की नस्ल है, जिसे विशेष रूप से अपने दूध उत्पादन के लिए जाना जाता है। यह नस्ल मुख्य रूप से उत्तर भारत, विशेष रूप से हरियाणा, पंजाब, और उत्तर प्रदेश में पाई जाती है। यहाँ मुर्रा भैंस के बारे में कुछ महत्वपूर्ण जानकारी दी गई है।
विशेषताएँ
मुर्रा भैंस का शरीर मजबूत और बड़ा होता है। इनका वजन लगभग 400-700 किलोग्राम तक हो सकता है। इनका रंग सामान्यत काला या गहरा भूरा होता है। मुर्रा भैंस के सींग चपटा और गोल होते हैं, जो सिर के किनारों की ओर मुड़े होते हैं।इनकी त्वचा चिकनी और चमकदार होती है। मुर्रा भैंस के लिए उच्च गुणवत्ता वाले चारे, हरी घास, अनाज, और खनिजों की जरूरत होती है। नियमित रूप से पानी उपलब्ध कराना चाहिए, क्योंकि मुर्रा भैंस को पानी की अधिक आवश्यकता होती है।इनका नियमित स्वास्थ्य परीक्षण और टीकाकरण जरूरी है ताकि यह स्वस्थ रहें और अधिक दूध का उत्पादन कर सकें।
मुर्रा भैंस की देखभाल?
इस भैंस का पालन करना काफी ज्यादा आसान है जो की कोई भी बहुत ही आसानी से कर सकता है इस भैंस का पालन करने के लिए आपको मुर्रा भैंस की देखभाल करना बहुत महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह उनकी स्वास्थ्य, उत्पादन, और जीवनकाल को प्रभावित करता है। यहाँ मुर्रा भैंस की देखभाल के लिए कुछ मुख्य पहलुओं का विवरण दिया गया है। मुर्रा भैंस को संतुलित और पौष्टिक आहार देना आवश्यक है। उन्हें हरी चारा (जैसे कि घास, बाजरा, और गन्ना) के साथ अनाज (जैसे चोकर, मक्का, और जौ) और खनिजों का मिश्रण देना चाहिए। उनके आहार में प्रोटीन की उचित मात्रा होनी चाहिए, ताकि दूध उत्पादन में वृद्धि हो सके। इसके लिए सोयाबीन, मूँगफली का चोकर, और कच्चा तेल शामिल किया जा सकता है। मुर्रा भैंस को नियमित रूप से साफ और ताजे पानी की आवश्यकता होती है। गर्मियों में पानी की अधिक आवश्यकता होती है, इसलिए ध्यान रखें कि उन्हें पर्याप्त पानी मिले। मुर्रा भैंस के लिए स्वच्छ और सुरक्षित आवास बनाना जरूरी है। स्टाल को हवादार और सूखा रखना चाहिए। नियमित रूप से स्टाल की सफाई करें। गोबर और गंदगी को समय-समय पर हटाते रहें, ताकि संक्रमण और बीमारियों से बचा जा सके।
मुर्रा भैंस का दूध
मुर्रा भैंस का दूध अन्य भैंसों और गायों की तुलना में उच्च वसा की मात्रा के लिए जाना जाता है। इसमें आमतौर पर 6-8% वसा होती है, जो इसे घी और पनीर बनाने के लिए आदर्श बनाती है। इसमें 3-4% प्रोटीन होता है, जो दूध को पौष्टिक बनाता है। यह दूध के विभिन्न डेयरी उत्पादों के लिए भी एक महत्वपूर्ण स्रोत है। मुर्रा भैंस की औसत दूध उत्पादन क्षमता 8 से 12 लीटर प्रति दिन होती है, और कुछ अच्छी नस्लें 15-20 लीटर दूध भी दे सकती हैं। दूध उत्पादन की मात्रा भैंस की उम्र, स्वास्थ्य, आहार, और देखभाल के स्तर पर निर्भर करती है।