खून निकलता है काटने पर इस अध्भुत पेड़ से, दक्षिण अफ़्री का का सबसे ज्यादा उपयोग होने वाला पेड़, जाने इस पेड़ का नाम

By Soumya thakur

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खून निकलता है काटने पर इस अध्भुत पेड़ से, दक्षिण अफ़्री का का सबसे ज्यादा उपयोग होने वाला पेड़, जाने इस पेड़ का नाम

खून निकलता है काटने पर इस अध्भुत पेड़ से, दक्षिण अफ़्रीका का सबसे ज्यादा उपयोग होने वाला पेड़, जाने इस पेड़ का नाम।

नमस्ते दोस्तों आज आपके लिए हमें खूनी पेड़ लेकर आए जिसको काटने से रोने की जगह निकलता है खून पानी की जगह निकलता है खून आपको ऐसा ही एक पेड़ आपको बताने जा रहे हैं जो दक्षिण अफ्रीका का सबसे उपयोग होने वाला पेड़ है और जब भी आपको बता दे इसमें बहुत सारे औषधि गुण पाए जाते हैं जो कि कई बड़ी-बड़ी बीमारियों को भी ठीक करने में मदद करते हैं चलिए जानते हैं इस पेड़ के क्या-क्या है फायदे और जिस पेढकी बात कर रहे है उस पेड़ का नाम सेरोकारपस एंगोलेनसिस है।

सेरोकारपस एंगोलेनसिस के फायदे

सेरोकारपस एंगोलेनसिस में एंटीऑक्सिडेंट तत्व होते हैं, जो शरीर में मुक्त कणों को बेअसर करने में मदद करते हैं। ये मुक्त कण कोशिकाओं को नुकसान पहुंचा सकते हैं, जिससे उम्र बढ़ने, सूजन, और कई बीमारियां हो सकती हैं। इस पौधे के सेवन से शरीर में ऑक्सीडेटिव तनाव कम हो सकता है। इस पौधे के अर्क में सूजन को कम करने वाले तत्व होते हैं। यह गुण इसे त्वचा की सूजन, जोड़ों के दर्द और अन्य सूजन संबंधी समस्याओं के इलाज में उपयोगी बनाता है। सेरोकारपस एंगोलेनसिस का उपयोग बैक्टीरिया और फंगल संक्रमणों के इलाज के लिए पारंपरिक चिकित्सा में किया जाता है। इसका अर्क माइक्रोबियल गतिविधियों को रोकने में मदद करता है, जिससे संक्रमण का जोखिम कम होता है। इस पौधे का उपयोग त्वचा की समस्याओं जैसे घाव, जलन, और चकत्ते के उपचार में किया जाता है। इसके सूजन-रोधी और एंटीमाइक्रोबियल गुण त्वचा को स्वस्थ बनाए रखने में मदद करते हैं। पारंपरिक रूप से सेरोकारपस एंगोलेनसिस का उपयोग पाचन तंत्र की समस्याओं, जैसे पेट दर्द, अपच, और गैस के उपचार के लिए किया जाता है। इसका सेवन पाचन क्रिया को बेहतर बनाने में मदद करता है। यह पौधा दर्द को कम करने में मदद कर सकता है, खासकर गठिया और मांसपेशियों के दर्द जैसी स्थितियों में। इसके सूजन-रोधी गुण इसे प्राकृतिक दर्द निवारक बनाते हैं।

कैसे करते है उपयोग

इसका इस्तेमाल करना काफी ज्यादा आसान होता है। इसकी छाल का पाउडर बनाकर घाव, जलन, और चकत्तों पर लगाया जाता है छाल या पत्तियों का काढ़ा बनाकर पेट दर्द, दस्त और अपच के उपचार में इस्तेमाल किया जाता है। सेरोकारपस की छाल को उबालकर उसका काढ़ा तैयार किया जाता है। यह काढ़ा संक्रमण, सूजन, और दर्द में राहत देने के लिए पिया जाता है। सूखी पत्तियों को उबालें और 5-10 मिनट तक पानी में रहने दें। इसे छानकर धीरे-धीरे पिएं। यह चाय आमतौर पर पाचन समस्याओं, खांसी, और हल्की सूजन में फायदेमंद मानी जाती है। छाल या पत्तियों को धोकर छोटे टुकड़ों में काट लें। एक बर्तन में पानी लें और उसमें छाल या पत्तियाँ डालकर उबालें। इसे 10-15 मिनट तक उबलने दें। ठंडा होने पर छानकर दिन में 2-3 बार सेवन करें। छाल को सुखाकर पीस लें ताकि पाउडर बन जाए। इस पाउडर में थोड़ा पानी या नारियल तेल मिलाकर पेस्ट बनाएं। इसे प्रभावित त्वचा पर लगाएं।

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