छमाछम पैसों की बारिश होगी इस पेड़ से, जड़ से लेकर फूल तक सब कुछ बिकता है, एक बार की मेहनत और 40 साल तक घर बैठे

By Soumya thakur

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छमाछम पैसों की बारिश होगी इस पेड़ से, जड़ से लेकर फूल तक सब कुछ बिकता है, एक बार की मेहनत और 40 साल तक घर बैठे

छमाछम पैसों की बारिश होगी इस पेड़ से, जड़ से लेकर फूल तक सब कुछ बिकता है, एक बार की मेहनत और 40 साल तक घर बैठे।

आज आपके लिए बहुत ही शानदार फूल का पेड़ लेकर आये है। जो की

पलाश का पेड़

पलाश का पेड़ (Butea monosperma), जिसे विभिन्न स्थानों पर “ढाक,टेसू,किंशुक” या “जंगल की ज्वाला” भी कहा जाता है, भारत के उपमहाद्वीप का एक प्रसिद्ध पेड़ है। यह अपने चमकीले नारंगी-लाल फूलों और औषधीय गुणों के लिए जाना जाता है। पलाश का पेड़ भारतीय पारंपरिक चिकित्सा, संस्कृति, और कला में महत्वपूर्ण स्थान रखता है। इसके फूल, पत्ते, तना और बीज सभी का उपयोग विभिन्न उद्देश्यों के लिए किया जाता है।

पलाश का पेड़ की खेती

पलाश की खेती करना काफी ज्यादा आसान होता है पलाश को विभिन्न प्रकार की मिट्टी में उगाया जा सकता है, लेकिन यह अच्छी जल निकासी वाली मिट्टी में सबसे अच्छा बढ़ता है। बलुई या हल्की मिट्टी भी उपयुक्त है। खेत की मिट्टी को अच्छे से खोदकर ढीला करें और उसमें आवश्यक पोषक तत्वों को मिलाएं। पलाश के बीजों को 24 घंटे के लिए पानी में भिगो दें। इससे अंकुरण की प्रक्रिया तेज होती है। सबसे अच्छा समय बीज बोने का है जब तापमान 20-30°C के बीच हो। आमतौर पर बारिश के मौसम के शुरुआत में बीज बोए जाते हैं। बीजों को 2-3 इंच गहरी मिट्टी में बोएं और प्रत्येक बीज के बीच लगभग 5-10 फीट की दूरी रखें। बीज बोने के बाद, नियमित रूप से पानी दें, खासकर पहले 2-3 महीनों तक। एक बार जब पौधे बड़े हो जाते हैं, तो उन्हें अधिक पानी की आवश्यकता नहीं होती है, क्योंकि ये सूखा सहिष्णु होते हैं। खेत में जैविक खाद या रासायनिक खाद का उपयोग करें। पलाश के पेड़ के लिए इन तीनों पोषक तत्वों की आवश्यकता होती है।

उपयोग कैसे करे

पलाश (Butea monosperma), जिसे आमतौर पर “फ्लेम ऑफ द फॉरेस्ट” कहा जाता है, एक बहुउपयोगी पेड़ है, जो विभिन्न क्षेत्रों में उपयोगी होता है। इसके फूल, पत्ते, छाल, और लकड़ी सभी के कई उपयोग हैं। यहाँ पलाश के प्रमुख उपयोग दिए गए हैं।

1. औषधीय उपयोग

  • फूलों का उपयोग: पलाश के फूलों का उपयोग पारंपरिक चिकित्सा में किया जाता है। ये विभिन्न बीमारियों जैसे दांत दर्द, सर्दी, जुकाम, और त्वचा रोगों के इलाज में सहायक होते हैं।
  • पत्तों और छाल का उपयोग: पलाश की पत्तियाँ और छाल का उपयोग जड़ी-बूटियों के रूप में किया जाता है। इन्हें औषधीय काढ़े और चाय में डाला जाता है।

2. खाद्य उपयोग

  • फूलों का सेवन: पलाश के फूलों को सलाद, सब्जियों या पकवानों में शामिल किया जाता है। इन्हें विशेषकर पलाश की सब्जी के रूप में बनाया जाता है।
  • चूर्ण का निर्माण: इसके फूलों का चूर्ण बना कर इसका सेवन भी किया जाता है, जो स्वास्थ्य के लिए लाभकारी होता है।

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