बुढ़ापे में रखना चाहते है हड्डियों को मजबूत, 100 दवाई की एक फल कीजिये सेवन, पढ़िए डिटेल में।
बुढ़ापे में रखना चाहते है हड्डियों को मजबूत तो कीजिये इस फल का सेवन। जिस फल की बात कर रहे है उस फल का नाम शहतूत है। शहतूत एक ऐसा फल है जो ब्लैकबेरी की तरह दिखता है साथ ही यह फल में कई पोषक तत्व पाए जाते हैं। यह काफी स्वादिष्ट फल होता है। साथ ही इसकी सैकड़ो प्रजातियां भी होती है लेकिन सफेद लाल और कल शहतूत सबसे ज्यादा फायदेमंद होता है और यही फल सबसे ज्यादा देखने को मिलता है। शहतूत में आयरन, विटामिन सी, मैग्नीशियम, फाइबर और कैल्शियम की भरपूर मात्रा है इससे आप हर बीमारी की चपेट में आने से आसानी से बच सकते हैं।
शहतूत फल के अनोखे लाभ
शहतूत में ज़ेक्सैन्थिन और कैरोटीनॉयड होता है, जो आंखों को स्वस्थ रखता है. ज़ेक्सैन्थिन आंखों को बनाने वाली कोशिकाओं में ऑक्सीडेटिव तनाव कम करता है। कैरोटीनॉयड मोतियाबिंद और मैक्यूलर डिजनरेशन जैसी बीमारियों से बचाता है। शहतूत में कैल्शियम होता है, जो हड्डियों को मज़बूत बनाता है। शहतूत में एल्कलॉइड और विटामिन सी होता है, जो इम्यूनिटी को मज़बूत करता है।
शहतूत फल त्वचा के लिए लाभ
- त्वचा को हाइड्रेट करता है शहतूत में पानी की उच्च मात्रा आपकी त्वचा को अच्छी तरह से हाइड्रेटेड रखने, सूखापन को रोकने और स्वस्थ चमक बनाए रखने में मदद करती है।
- एंटी-एजिंग गुण शहतूत में एंथोसायनिन होते हैं, जो त्वचा की लोच में सुधार के साथ जुड़े हुए हैं।
- स्किन ब्राइटनिंग
- मुँहासे को नियंत्रित करता है
किस तरह करते है इस्तेमाल शहतूत फल का
शहतूत फल का आप कई तरह से इस्तेमाल कर सकते है। जिससे आपको कई तरह के फायदे देखने को मिलेंगे। शहतूत को बानस्पतिक रूप से मोरस अल्बा के नाम से जाना जाता है। यह एक सदाबहार पेड़ होता है जिसकी ऊंचाई 50-60 फ़ीट तक होती है भारत में शहतूत की खेती पंजाब, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, पश्चिम बंगाल, कर्नाटक, आंध्रा प्रदेश, और तामिलनाडू में की जाती है।
- शहतूत को ताज़ा या सूखा खाया जा सकता है।
- शहतूत का इस्तेमाल जैम, स्मूदी, मफ़िन, कुकीज़, सलाद, और मीठी रोटी बनाने में किया जा सकता है।
- शहतूत का इस्तेमाल फ्रूट वाइन, बेरी, जेली, या मूसली बनाने में किया जा सकता है।
- शहतूत का रस पीने से कई बीमारियों का इलाज किया जा सकता है।
- शहतूत के अर्क का इस्तेमाल त्वचा देखभाल के लिए किया जाता है।
- शहतूत की छाल का सेवन करने से शरीर में सूजन कम होती है।
- शहतूत के पत्तों का इस्तेमाल रेशम के कीट पालन के लिए किया जाता है।
- शहतूत के पेड़ की लकड़ी का इस्तेमाल प्लाइवुड, पैनलिंग, नक्काशी, खिलौने, और चाय की पेटियां बनाने में किया जाता है।
- शहतूत के पेड़ का सीधा लट्ठा घर बनाने में सहारे के रूप में इस्तेमाल किया जाता है।
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