इलाहाबादी लाल फल की खेती से बढ़ेगी कमाई, लागत कम पैदावार ज्यादा, जाने इस फल के बारे में।
जैसा की आपको बता दे की इस फल की खेती आपको कई गुना पैसा कमा कर दे सकती है। जैसा की आपको बता की किसान लोग इस फसल की खेती बहुत ही तेजी से कर रहे है। इस विशेष जगह के अलावा पूरे भारत में सुर्खा अमरूद का उत्पादन कहीं नहीं होता है। यह अमरुद अपने रंग और स्वाद के चलते भारत ही नहीं विदेशों में भी धमाल मचाता है।
इलाहाबादी लाल अमरुद की खेती
- मिट्टी और जलवायु: इलाहाबादी अमरूद की खेती के लिए ठंडी जलवायु और उपजाऊ मिट्टी ज़रूरी है। अमरूद की खेती के लिए भारी चिकनी मिट्टी से लेकर हल्की रेतीली मिट्टी का इस्तेमाल किया जा सकता है। मिट्टी का पीएच मान 4.5 से 8.2 के बीच होना चाहिए।
- पौधे लगाने का समय: इलाहाबादी अमरूद के पौधे को सर्दियों या बसंत के मौसम में लगाना चाहिए.
- देखभाल: अमरूद के पौधे को नियमित रूप से पानी और खाद देना चाहिए. ज़रूरत के हिसाब से राख और चुने का छिड़काव करना चाहिए।
- कटाई और छंटाई: फलों की पहली तुड़ाई के बाद बूटे की हल्की छंटाई करनी चाहिए। सूखी और बीमार टहनियों को लगातार काटना चाहिए. बूटे की कटाई हमेशा नीचे से ऊपर की तरफ़ करनी चाहिए।
- फल पकने का समय: फूल आने के लगभग 120-140 दिन बाद फल पकने शुरू हो जाते हैं। जब फलों का रंग हरा से हल्का पीला पड़ने लगे, तब इसकी तुड़ाई करनी चाहिए।
सुर्खा अमरूद की प्रजातियां
यह अमरूद की एक किस्म है जिसका रंग सफ़ेद की जगह अंदर से गहरा गुलाबी होता है और बाहरी छिलका सेब के लाल रंग का होता है। यह फल मीठा और तेज़ स्वाद वाला होता है। यह फल अपने औषधीय गुणों के लिए जाना जाता है। इलाहाबाद के कौशाम्बी और कौरिहार ज़िलों में इसकी खेती की जाती है। यह एक संकर किस्म है जो एपल कलर अमरूद और बनारसी सुरखा के परपरागण से तैयार की गई है। इसके पेड़ लंबे और दर्मियाने फैलाव वाले होते है। इसके फल गोल होते हैं और इनका छिलका हल्के पीले रंग का होता है। इनका गूदा गुलाबी होता है और इनमें ज़्यादा मिठास होती है।
कितनी होगी कमाई इस फल की
जैसा की आपको बता दे की इस फल की कीमत 150 रूपये किलो है। अगर आप एक किसान है तो आप इस फल की खेती कर बहुत ही अच्छा खासा पैसा कमा सकते है। आप एक से दो एकड़ में भी खेती कर सकते है।
यह भी पढ़ेखेती किसान बन रहे है आमिर, कर रहे है इस तगड़ी फसल की किसानी, जाने इस अनोखे पौधे का नाम