दमदार फसल की खेती से होगा तगड़ा मुनाफा, शुरू करे इस अनोखी फसल की खेती, जाने इस फसल का नाम।
सहजन की फायदे
यह सब्जी की कई जगह पर घरो में लगी होती है ये सब्जी खाने में जितनी स्वादिष्ट होती है उतनी ही फायदेमंद भी होती है। इस सब्जी को दवाई के रूप में भी इस सब्जी का सेवन किया जाता है। सहजन की सब्जी के कई तरह के फायदे देखने को मिलेंगे ये सब्जी के साथ साथ एक दवाई भी है। सहजन के सेवन से शारीरिक कमजोरी दूर होती है और खतरनाक वायरस से भी बचा जा सकता है इसके अलावा पेट में दर्द, अल्सर आदि को भी दूर किया जा सकता है वहीं, यह सब्जी लीवर और किडनी को डिटॉक्सीफाई करने, तनाव, चिंता दूर करने, थायराइड फंक्शन में सुधार करने और ब्रेस्ट मिल्क के उत्पादन को बढ़ाने का भी काम बखूबी करती है।
सहजन की खेती
सहजन (Moringa) की खेती एक लाभदायक और स्वास्थ्यवर्धक कृषि व्यवसाय है। इसे “ड्रमस्टिक” भी कहा जाता है और इसकी पत्तियों, फलों और फूलों का उपयोग खाद्य और औषधीय दोनों उद्देश्यों के लिए किया जाता है। सहजन की खेती के लिए गर्म और शुष्क जलवायु सबसे अच्छी होती है। यह 25 से 35 डिग्री सेल्सियस के तापमान में अच्छे से उगता है। सहजन हल्की, रेतीली या बलुई मिट्टी में अच्छी तरह उगता है। मिट्टी का pH 6 से 7 के बीच होना चाहिए। सहजन की कई प्रजातियाँ होती हैं, लेकिन Moringa oleifera सबसे आम है और इसकी खेती सबसे अधिक की जाती है। वसंत या मानसून में रोपण करना सबसे अच्छा होता है। पौधों के बीच 1-2 मीटर का फासला रखना चाहिए। सहजन को शुरुआती वर्षों में नियमित सिंचाई की आवश्यकता होती है, लेकिन यह सूखे को सहन करने में सक्षम होता है। सहजन को शुरुआती वर्षों में नियमित सिंचाई की आवश्यकता होती है, लेकिन यह सूखे को सहन करने में सक्षम होता है। कीटों और बीमारियों की निगरानी करें, जैसे कि एफिड्स और बोटलवर्म। सहजन की पहली फसल आमतौर पर 4-6 महीने बाद मिलती है। पत्तियों, फूलों और फलों को सावधानी से काटा जाना चाहिए। सहजन की खेती से प्रति हेक्टेयर 2-4 टन पत्तियों का उत्पादन हो सकता है। पत्तियों का बाजार मूल्य 50-100 रुपये प्रति किलो के आसपास होता है।
कमाई कितनी
सहजन (Moringa) की खेती से होने वाली कमाई कई कारकों पर निर्भर करती है, जैसे कि उपज, बाजार मूल्य, और खेती की तकनीक। सहजन के फलों का उत्पादन भी होता है, जो 2-3 टन प्रति हेक्टेयर हो सकता है। सहजन के फलों का उत्पादन भी होता है, जो 2-3 टन प्रति हेक्टेयर हो सकता है। सहजन के फूल भी महत्वपूर्ण होते हैं और इनका भी अच्छा उत्पादन होता है। पत्तियों का बाजार मूल्य लगभग 50-100 रुपये प्रति किलो हो सकता है। सहजन के फलों का मूल्य लगभग 30-80 रुपये प्रति किलो हो सकता है। शुरुआती लागत में भूमि, रोपण, देखभाल, और श्रम शामिल होते हैं। इनकी लागत 50,000 से 1,00,000 रुपये प्रति हेक्टेयर हो सकती है, लेकिन यह क्षेत्र और खेती की तकनीक पर निर्भर करती है। यदि आप लागत को घटाते हैं, तो आपकी संभावित शुद्ध कमाई 1,50,000 से 2,00,000 रुपये प्रति हेक्टेयर हो सकती है।