ताकत का पावरहाउस ये फल, 40 साल नहीं करना पड़ेगा काम, 3 बीघा में होगा तगड़ा मुनाफा, जानिए इस फल के बारे में।
नमस्ते दोस्तों आज आपके लिए बहुत ही शानदार फल लेकर आये है चीकू (Sapodilla) की खेती मुख्य रूप से उष्णकटिबंधीय और उप-उष्णकटिबंधीय क्षेत्रों में की जाती है। चीकू एक महत्वपूर्ण फल है जो बाजार में अच्छी मांग रखता है और इसका पौधा एक बार लग जाने के बाद कई सालों तक फल देता है। चीकू की खेती लाभदायक होती है, लेकिन इसके लिए सही जानकारी और देखभाल की आवश्यकता होती है। चलिए जानते है कैसे करते है।
चीकू की खेती कैसे की जाती है
चीकू की खेती के लिए गर्म और आर्द्र जलवायु उपयुक्त होती है। यह 10°C से 38°C तापमान वाले क्षेत्रों में अच्छे से बढ़ता है। अत्यधिक ठंड और पाला चीकू के पौधे को नुकसान पहुंचा सकता है। अच्छी जल निकासी वाली, रेतीली दोमट मिट्टी चीकू के लिए सबसे उपयुक्त होती है। इसकी खेती लवणीय मिट्टी में भी की जा सकती है, लेकिन उचित जल निकासी होनी चाहिए। चीकू की खेती के लिए प्रमुख रूप से कलम, गुट्टी या ग्राफ्टिंग तकनीक का उपयोग किया जाता है। बीज से पौधे तैयार करना लंबा समय लेता है और वाणिज्यिक खेती के लिए सही नहीं होता। पौधे की रोपाई मानसून के शुरू में या अंत में की जा सकती है। पौधों के बीच 10×10 मीटर की दूरी रखें, जिससे वे पूरी तरह फैल सकें। गर्मियों में 10-15 दिनों के अंतराल पर सिंचाई करें, जबकि सर्दियों में महीने में एक बार सिंचाई पर्याप्त होती है। नए पौधों को अधिक पानी की आवश्यकता होती है। जैविक खाद, गोबर की खाद, और नाइट्रोजन, फास्फोरस, पोटैशियम (NPK) उर्वरक का नियमित प्रयोग पौधे की वृद्धि और फलन के लिए आवश्यक है। प्रति पौधा 20-25 किलो गोबर की खाद, 500 ग्राम नाइट्रोजन, 250 ग्राम फास्फोरस और 500 ग्राम पोटैशियम प्रति वर्ष देने की सलाह दी जाती है। पौधे की अच्छी देखभाल के लिए समय-समय पर छंटाई आवश्यक होती है। इससे पौधे को सही आकार मिलता है और नए पुष्प आते हैं।
कमाई कितनी होगी
चीकू की खेती से होने वाली कमाई कई कारकों पर निर्भर करती है, जैसे कि खेती का आकार, उपज की गुणवत्ता, बाजार में मांग, फसल प्रबंधन, और उत्पादन की लागत। फिर भी, सामान्य रूप से कमाई का एक अनुमान निम्नलिखित आधार पर लगाया जा सकता है।
एक हेक्टेयर में चीकू के लगभग 110-120 पौधे लगाए जा सकते हैं। प्रति पौधा औसतन 1500-2500 चीकू फल मिलते हैं, जो कि लगभग 80-120 किलोग्राम प्रति पौधा उत्पादन देते हैं। इस तरह, एक हेक्टेयर से प्रति वर्ष 15-20 टन (15,000-20,000 किलोग्राम) चीकू का उत्पादन किया जा सकता है। चीकू का बाजार मूल्य स्थान और समय के अनुसार बदलता रहता है। औसतन चीकू का मूल्य 20-50 रुपये प्रति किलो हो सकता है। यदि औसत बाजार मूल्य 30 रुपये प्रति किलो मान लिया जाए, तो प्रति हेक्टेयर कमाई का अनुमान इस प्रकार हो सकता है। यदि उत्पादन लागत घटा दी जाए, तो चीकू की खेती से शुद्ध लाभ का अनुमान लगाया जा सकता है। चीकू के पेड़ एक बार लगने पर 50 से 60 साल तक फल दे सकते हैं, और 7-8 साल बाद यह पूरी तरह से व्यावसायिक उत्पादन देने लगता है। इसका मतलब है कि एक बार किया गया निवेश लंबे समय तक लाभ देता है।
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