ठंड के वायरस को छू मंतर, कमाई होगी तगड़ी इस मशहूर ये फल, पढ़िए इस फल की खेती

By Soumya thakur

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ठंड के वायरस को छू मंतर, कमाई होगी तगड़ी इस मशहूर ये फल, पढ़िए इस फल की खेती

ठंड के वायरस को छू मंतर, कमाई होगी तगड़ी इस मशहूर ये फल, पढ़िए इस फल की खेती।

एक सूखा-प्रतिरोधी पेड़ है, जिसे शुष्क और अर्ध-शुष्क क्षेत्रों में उगाया जाता है। यह पेड़ भारत के कई हिस्सों में प्राकृतिक रूप से पाया जाता है और इसके फल का उपयोग खाने और औषधीय कार्यों में किया जाता है। हिंगोट की खेती करने के लिए कुछ खास बातों का ध्यान रखना ज़रूरी है। यहाँ हिंगोट फल की खेती के बारे में विस्तार से जानकारी दी गई।

हिंगोट की खेती

हिंगोट की खेती के लिए गर्म और शुष्क जलवायु सबसे उपयुक्त होती है। यह पेड़ 200 से 800 मिमी वार्षिक वर्षा वाले क्षेत्रों में उग सकता है। यह पेड़ बलुई, दोमट, और हल्की क्षारीय मिट्टी में अच्छी तरह से उगता है। बंजर भूमि या खराब जल निकासी वाली मिट्टी में भी यह पनप सकता है। मिट्टी में जलधारण क्षमता अधिक होनी चाहिए। हिंगोट की खेती के लिए ताजे बीजों का उपयोग किया जाता है। बीज कठोर होते हैं, इसलिए बोने से पहले उन्हें 24 घंटे तक पानी में भिगोना चाहिए। बुवाई का उपयुक्त समय मानसून के शुरुआत में होता है (जुलाई-अगस्त)। इससे पौधे को बारिश के दौरान अच्छी नमी मिलती है। बीजों को 3-5 सेमी गहराई में बोया जाता है। पौधों के बीच की दूरी 4-5 मीटर रखनी चाहिए ताकि पौधे फैल सकें। हिंगोट की फसल को ज्यादा पानी की आवश्यकता नहीं होती है। इसे शुष्क क्षेत्रों में बिना सिंचाई के भी उगाया जा सकता है। प्रारंभिक समय में, जब पौधे छोटे होते हैं, तो हल्की सिंचाई की आवश्यकता होती है, विशेषकर यदि बारिश नहीं होती है। हिंगोट का पेड़ लगभग 5-7 साल के बाद फल देना शुरू करता है। फलों की कटाई तब की जाती है जब वे पूरी तरह से पक जाते हैं और हल्के हरे या पीले रंग के हो जाते हैं। फलों को हाथ से तोड़ा जाता है और सूखे स्थान पर संग्रहित किया जाता है ताकि वे खराब न हों।

कमाई कितनी होगी

हिंगोट का पेड़ लगभग 5-7 साल में फल देना शुरू करता है। एक बार जब यह फल देने लगता है, तो यह लंबे समय तक उपज देता है। एक परिपक्व पेड़ से प्रति वर्ष औसतन 40-60 किलोग्राम फल प्राप्त किए जा सकते हैं। फल हिंगोट के फलों की कीमत स्थान और मांग के आधार पर अलग-अलग हो सकती है। आमतौर पर सूखे फल 30-50 रुपये प्रति किलो बिक सकते हैं। बीजों से तेल निकालने के लिए इनका मूल्य अधिक होता है। बीजों की कीमत 50-100 रुपये प्रति किलो हो सकती है, क्योंकि इनका उपयोग औषधीय और उद्योगों में किया जाता है। हिंगोट के बीजों से प्राप्त तेल औषधीय और कॉस्मेटिक उद्योगों में काफी महंगा बिकता है। हिंगोट के बीज से प्राप्त तेल की कीमत 500-1000 रुपये प्रति लीटर हो सकती है। अगर किसान एक हेक्टेयर भूमि पर हिंगोट की खेती करता है, तो वह लगभग 300-400 पेड़ उगा सकता है। प्रति पेड़ औसतन 40-60 किलोग्राम फल प्राप्त होता है। इस हिसाब से, एक हेक्टेयर में 12,000-24,000 किलोग्राम तक फल उत्पादन हो सकता है। यदि एक हेक्टेयर से 12,000 किलोग्राम फल प्राप्त होता है, और बाजार में 30 रुपये प्रति किलो के हिसाब से बेचा जाता है, तो एक हेक्टेयर से लगभग 3,60,000 रुपये तक की कमाई हो सकती है।

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