ये पेड़ करे सैकड़ो बीमारी को दूर, कीजिये इस पेड़ को कीजिये अपनी डाइट में शामिल, पढ़िए इस अध्भुत पेड़ के बारे में।
बरगद (Ficus benghalensis) के पत्ते बड़े, चौड़े, और चमकदार होते हैं। इनकी सतह गहरे हरे रंग की होती है, जबकि नीचे की तरफ हल्के हरे रंग की होती है। पत्तों की बनावट चमकदार और मोटी होती है, जो इन्हें मज़बूती और सहनशक्ति प्रदान करती है। पत्तों का आकार अंडाकार या अंडाकार-आयताकार होता है, और इनकी लंबाई आमतौर पर 15 से 30 सेंटीमीटर तक हो सकती है। बरगद के पेड़ का ये पत्ते न केवल पेड़ को सुंदरता प्रदान करते हैं, बल्कि पर्यावरण में ऑक्सीजन के स्तर को भी बनाए रखते हैं और गर्मी से राहत देते हैं।
जानिए इस पत्ते के फायदे
- दांत और मसूड़ों को रखे स्वस्थ
- प्रतिरोधक क्षमता में सुधार
- बवासीर में दिलाए राहत
- डायबिटीज को दूर करने में मददगार
- डिप्रेशन में सहायक
- डायरिया में लाभदायक
- बांझपन और नपुंसकता में लाभदायक
- जोड़ों के दर्द में मददगार
- बरगद के पत्ते की कलियां पुराने दस्त और पेचिश के इलाज में फायदेमंद होती हैं। इन रोगों के उपचार में कलियों को रात भर पानी में भिगोकर जलसेक के रूप में लेना चाहिए। लेटेक्स दस्त और पेचिश के उपचार में भी उपयोगी है।
- बरगद का पेड़ बड़ी मात्रा में ऑक्सीजन उत्पन्न करता है, जो वायु की गुणवत्ता को सुधारता है और वातावरण को ताजगी प्रदान करता है।
- इसकी जड़ें मजबूत और विस्तृत होती हैं, जो मिट्टी के कटाव को रोकने में मदद करती हैं। इससे भूमि के क्षरण को कम किया जा सकता है।
बरगद के पत्तों, छाल और जड़ों का उपयोग कैसे करे
बरगद के पेड़ की पत्तियाँ, छाल, और जड़ें विभिन्न औषधीय उपयोगों के लिए जानी जाती हैं। पारंपरिक आयुर्वेद और प्राकृतिक चिकित्सा में इनका विशेष महत्व है। इनके उपयोग की विधियाँ इस प्रकार हैं। बरगद के पेड़ की पत्तियाँ, छाल, और जड़ें विभिन्न औषधीय उपयोगों के लिए जानी जाती हैं। पारंपरिक आयुर्वेद और प्राकृतिक चिकित्सा में इनका विशेष महत्व है। इनके उपयोग की विधियाँ इस प्रकार हैं। बरगद की पत्तियों को पीसकर पेस्ट बना लें और इसे खुजली, एक्जिमा, या अन्य चर्म रोगों वाले स्थान पर लगाएँ। यह त्वचा की सूजन और जलन को कम करने में मदद करता है। पत्तियों को पीसकर उसका रस निकालें और इसे प्रभावित त्वचा पर लगाने से सूजन और खुजली में आराम मिलता है। बरगद की पत्तियों से निकलने वाले दूध का इस्तेमाल आंखों में सूजन और जलन के इलाज के लिए किया जाता है। इसे एकदम कम मात्रा में और विशेषज्ञ की सलाह के बाद ही इस्तेमाल करें। ताजे पत्तों को गर्म पानी में उबालकर इसकी भाप को सिरदर्द में आराम के लिए लिया जा सकता है।
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