पहाड़ों के राजा की करे खेती, 4 साल की कमाई होगी एक साल में, अपनाये इस तगड़ी फसल की खेती

By Soumya thakur

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पहाड़ों के राजा की करे खेती, 4 साल की कमाई होगी एक साल में, अपनाये इस तगड़ी फसल की खेती

पहाड़ों के राजा की करे खेती, 4 साल की कमाई होगी एक साल में, अपनाये इस तगड़ी फसल की खेती।

नमस्ते दोस्तों आज आपके लिए फिर से आपकी कमाई के लिए तगड़ी फसल लेकर आये है जिसकी खेती कर आप बन सकते है लाखों के मालिक। जिस फसल की बात कर रहे है उस का नाम चायोते सब्ज़ी ये सब्जी में पाई जाती है। यह पहाड़ों का राजा कहलाने वाला एक सब्जी है इस सब्जी में कई तरह के विटामिन पोषक तत्व पाए जाते हैं जो शरीर के लिए भी काफी ज्यादा फायदेमंद होते हैं और किसानों के लिए तो एक रोजगार पर बहुत ही अच्छा जरिया है चलिए जानते हैं कैसे की जाती है इस सब्जी की खेती।

खेती कैसे की जाती है

चायोते (Chayote) जिसे हिंदी में कई जगहों पर “इस्कुस” या “इस्कुस की लौकी” कहा जाता है, एक प्रकार की बेल वाली सब्जी है। यह कद्दू वर्गीय पौधों की श्रेणी में आती है और इसके फल का उपयोग सब्जी के रूप में किया जाता है। चायोते की खेती विशेष रूप से पहाड़ी क्षेत्रों में होती है, लेकिन इसे समतल इलाकों में भी उगाया जा सकता है। इसकी खेती कम लागत वाली होती है और यह किसानों के लिए एक अच्छा विकल्प साबित हो सकती है।

चायोते की खेती के कुछ खास बात

1. मिट्टी और जलवायु:

  • चायोते की खेती के लिए हल्की दोमट या बलुई दोमट मिट्टी सबसे अच्छी मानी जाती है।
  • यह गर्म और आद्र जलवायु में अच्छा बढ़ता है, और पहाड़ी क्षेत्रों में 800-1500 मीटर की ऊंचाई पर इसे बेहतर तरीके से उगाया जा सकता है।
  • 20-30°C के तापमान में इसका विकास अच्छा होता है। ठंड के मौसम में या पाले के समय यह संवेदनशील हो सकता है, इसलिए इसे हल्की ठंड में उगाया जाता है।

2. बीज और पौध तैयार करना:

  • चायोते का बीज खुद फल से ही प्राप्त होता है। जब फल पूरी तरह से पक जाता है, तो इसका बीज तैयार होता है।
  • बीज को सीधे जमीन में या पॉलीबैग में लगाकर पौध तैयार की जाती है। पौध तैयार होने के बाद इसे खेत में स्थानांतरित किया जाता है।
  • पौधों को एक बेल के रूप में विकसित होने के लिए सहारा (ट्रेलिस) की आवश्यकता होती है।

3. खेत की तैयारी:

  • खेत की अच्छी जुताई और समतल करने के बाद पौधे लगाने के लिए 2-3 मीटर की दूरी पर गड्ढे तैयार किए जाते हैं।
  • प्रति गड्ढे में खाद और उर्वरकों का इस्तेमाल किया जाता है। जैविक खाद जैसे गोबर की खाद का उपयोग बेहतर परिणाम देता है।

4. सिंचाई और देखभाल:

  • गर्मी के मौसम में नियमित रूप से सिंचाई की जरूरत होती है। पौधों को सूखने से बचाने के लिए ध्यान रखना आवश्यक होता है।
  • बेलों को अच्छे से फैलने और चढ़ने के लिए ट्रेलिस या अन्य किसी सहारे का उपयोग किया जाता है।
  • निराई-गुड़ाई और खरपतवार नियंत्रण पर ध्यान देना चाहिए ताकि पौधे अच्छे से बढ़ सकें।

आमदनी

चायोते (इस्कुस) की खेती से मुनाफा काफी अच्छा हो सकता है, खासकर उन क्षेत्रों में जहां इसकी मांग अधिक है और ताजे फल की कीमत अच्छी मिलती है। चायोते एक कम लागत वाली फसल है, और यदि सही तरीके से देखभाल की जाए, तो इससे किसानों को लंबे समय तक उत्पादन मिलता है। आइए चायोते की खेती से मुनाफे के बारे में विस्तार से समझते हैं।

बीज की लागत कम होती है क्योंकि चायोते का बीज स्वयं फसल से प्राप्त किया जा सकता है। यह एक बार बेल लगाने के बाद 3-5 साल तक उत्पादन दे सकती है, जिससे बार-बार पौधों को बदलने की आवश्यकता नहीं होती। उर्वर क और खाद की खपत भी सीमित होती है, और जैविक खाद का उपयोग इसे और भी सस्ता बना देता है। एक पौधा प्रति सीजन में 50 से 100 फलों का उत्पादन कर सकता है। एक हेक्टेयर भूमि में 1000 से 1200 बेलें लगाई जा सकती हैं, जिससे एक हेक्टेयर में 25-40 टन तक उत्पादन संभव है। अगर आप इस सब्जी किहेति कोफ्ते है तो आप इस सब्जी से काफी अच्छा खासा प्रॉफ़िट कमा सकते है।

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