इस अध्भुत नमक खाने से बीमारियां नहीं भटकेंगी पास, पढ़िए चमत्कारी नमक के बारे में।
जी नमक की हम बात करें वह काला नमक के आपको पता ही होगा काला नमक को बनाया जाता है बहुत ज्यादा आदमी पकाया जाता है जब जाकर काला नमक तैयार होता है आपको बता दे की एक नमक का इस्तेमाल पकवान बनाने में किया जाता है काला नमक पारंपरिक चिकित्सा में भी उपयोग में लाया जाता है भारतीय संस्कृति और धार्मिक अनुष्ठान त्योहारों में भी ऐसे कार्य नमक का बहुत ही खास महत्व होता है जैसे कई जो भारतीय में 30 त्यौहार होता है तो काले नमक का ही प्रयोग किया जाता है इसका रंग बड़ा काला होता है और इसका स्वाद हल्का मीठा और सल्फर जैसा होता है इसका उपयोग भारतीय और देश में किया जाता है और खासकर व्यंजनों में खाकर चटनी चाट और सलाद में भी किया जाता है।
कैसे बनाया जाता है काला नमक
काले नमक को बनाने का काम नहीं है इससे काफी मेहनत और धैर्य की जरूरत होती है कि काला नमक बने में काफी ज्यादा समय लगता है सबसे पहले भट्टी में जोरदार आग लगाई जाती है जो की बहुत ही ज्यादा तेज होती है जिसमें खूब सारा कोयला डाला जाता है इसके बाद मटको में भट्टी में कम से रखा जाता है मतलब एक बार एक-एक बार एक ऐसे मटके को रखा जाता है भट्टी में ताकि कोई जगह खाली ना रहे मटको में सफेद नमक भरा जाता है और साथ ही बादाम के छिलके डाले जाते हैं इन छिलकों से नमक का रंग बदलकर काला हो जाता है जिससे इसे काला नमक कहा जाता है फिर मटको में को आईटीओ से ढक दिया जाता है 24 घंटे के लिए छोड़ दिया जाता है ऐसे ही आंख के गले बन चुके मत को को भी भट्टी से बाहर निकाल लिया जाता है पूरे 24 घंटे के बाद और ठंडा होने पर तोड़कर काला नमक बाहर निकाल लिया जाता है तो यह पूरी प्रक्रिया होती काला नमक बनाने की।
काला नमक खाने के फायदे
इसमें एंटी ओबेसिटी गुण पाए जाते हैं। इसके मौजूद गुण पाचन एंजाइम की घुलनशीलता को बढ़ाकर वसा को कम करने में मदद करता है। काला नमक के सेवन से पाचन से जुड़ी समस्याएं कम हो सकती है. गैस औऱ कब्ज की समस्या से रहात मिल सकती है। काला नमक पाचन को बेहतर बनाता है और पेट को साफ़ करता है. इससे पेट फूलना, अपच, और एसिडिटी जैसी समस्याएं कम होती हैं। काला नमक में सोडियम की मात्रा कम होती है, इसलिए इसे सीमित मात्रा में खाने से ब्लड प्रेशर कंट्रोल में रहता है।